टाटा पावर, जिसे पहले टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी के रूप में जाना जाता है, तीन संस्थाओं का एक हिस्सा है, जो देश की ऊर्जा स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए, प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रणी है।
किसी शहर, राज्य या देश की आर्थिक प्रगति के लिए स्वच्छ, किफायती और प्रचुर ऊर्जा एक मूल जरुरत होती है।
- श्री जमशेदजी टाटा, संस्थापक, टाटा समूहअपनी अनुषंगियों और संयुक्त उपक्रमों के साथ मिलकर, टाटा पावर की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 12742 मेगावाट है। इसमें से 33 प्रतिशत योगदान स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का है। कंपनी की प्रतिष्ठा इस बात से भी है कि इसे सोलर रूफ टॉप और मूल्य वर्धित सेवाओं समेत मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक क्षेत्र में कार्यरत सर्वप्रथम निजी कंपनियों की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
तकनीक, प्रक्रिया और प्लेटफॉर्म के संदर्भ में ऊर्जा क्षेत्र के परिचालन में संलग्न टाटा पावर एक अग्रणी कंपनी है। टाटा पावर के नवीनतम व्यावसाय एकीकृत समाधान ‘स्मार्ट’ ग्राहकों के लिए उभरती हुई तकनीकों को सशक्त बनाया है तथा गतिशीलता व जीवनशैली पर ध्यान केंद्रित करते हुए बहु-आयामी विकास के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
तकनीकी नेतृत्व, परियोजना के संचालन में उत्कृष्टता, विश्वस्तरीय सुरक्षा प्रक्रियाएं, ग्राहक सुविधाएं और हरित पहलों को बढ़ावा देने के अपने 103 वर्ष की सफल यात्रा में, टाटा पावर आने वाली पीढ़ियों की जिंदगियों को रोशन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वितरण ग्राहक
उत्पादन क्षमता
भारतीय बिजली क्षेत्र में 100+ वर्ष से उपस्थिति
स्वच्छ ऊर्जा पोर्टफोलियो
30% स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन पोर्टफोलियो।
क्लब एनर्जी ने 533 से अधिक स्कूलों तक पहुंच बनाई है
- 1.9 करोड़ से अधिक नागरिकों को संवेदनशील बनाया - लगभग 25 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत की है ।
- लगभग 25 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत की है।
हमने पिछले 30 वर्षों में अपने जैव विविधता संरक्षण कार्यक्रम के माध्यम से 1 करोड़ पौधे लगाए हैं।
हमने सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग करते हुए भारत की पहली 800 मेगावाट की इकाई अल्ट्रा-मेगा-पावर-प्लांट (यूएमपीपी) को चालू किया है, जो यकीनन देश का सबसे अधिक ऊर्जा-कुशल, कोयला-आधारित थर्मल पावर प्लांट है।